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कुशीनगर में,प्रभारी मन्त्री ने किया सीएचसी कुबेरनाथ सहित योजनाओं का निरक्षण। 

एडिटर इन चीफ 

शक्ति कुमार 

कुशीनगर,जनपद के प्रभारी मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने सीडीओ गुंजन द्विवेदी तथा भाजपा जिलाध्यक्ष दुर्गेश राय, फाजिलनगर के विधायक सुरेंद्र कुशवाहा के साथ सीएचसी कुबेरनाथ का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न वार्ड, दवा काउंटर, ओपीडी पर्ची काउंटर, प्रयोगशाला कक्ष, बीपीएम कक्ष, ईटीसी वार्ड आदि का निरीक्षण किया।

सीएचसी निरीक्षण के दौरान सर्वप्रथम प्रभारी मंत्री ने उपस्थित रजिस्टर का निरीक्षण किया। इसके बाद वे महिला वार्ड में ड्यूटी पर तैनात महिला स्वास्थकर्मियों से अस्पताल में भर्ती प्रसूता मरीजों के सम्बंध जानकारी ली। तत्पश्चात उन्होंने दवाओं की उपलब्धता, मरीजों के लिए उपलब्ध बेड, ई टीसी वार्ड की जानकारी ली और विभिन्न वार्ड, दवा काउंटर व दवाओं की उपलब्धता से सम्बंधित स्टॉक रजिस्टर का निरीक्षण किया।

साथ ही ओपीडी पर्ची काउंटर, शीत श्रृंखला कक्ष, प्रयोगशाला कक्ष का भी निरीक्षण किया। तत्पश्चात उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों को अस्पताल परिसर में साफ सफाई रखने के निर्देश दिए। इस दौरान प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉक्टर धीरज सिंह डाक्टर एसपी गुप्ता सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

मंत्री जी द्वारा हर घर जल, जल जीवन मिशन के अन्तर्गत ग्राम पंचायत बरवाकला पडरौना कुशीनगर में निर्मित पानी की टंकी का किए निरीक्षण।

उपस्थित ग्रामीणों से संवाद कर कार्यदाई संस्था व संबंधित अधिकारियों को ग्राम पंचायत में बिछाई गयी पाईप लाईन एवं सड़कों की मरम्मत, नल कनेक्शन आदि के विषय में जानकारी ली व आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

 

कुशीनगर जनपद में स्थित गुप्तकालीन स्वयंभू सूर्य मूर्ति, जो 31 जुलाई 1981 को प्रकट हुई थी, के पावन अवसर पर विगत दो वर्षों से “सूर्य मूर्ति प्राकट्य उत्सव” का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष यह उत्सव और भी भव्य रूप में मनाया जा रहा है, जिसमें देश की 151 पवित्र नदियों के जल से भगवान सूर्य का जलाभिषेक किया गया।

आज इस गुप्तकालीन स्वयंभू सूर्य मूर्ति मंदिर में दर्शन एवं पूजा-अर्चना का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस पावन अवसर पर देश भर से एकत्रित किए गए पवित्र नदियों के जल को भगवान सूर्य के अभिषेक हेतु समर्पित किया।

यह यात्रा — काशी, मारकंडेय महादेव, दुर्वासा ऋषि आश्रम, मगहर, गोरखपुर होते हुए — कुशीनगर पहुंची, जहां गुप्तकालीन स्वयंभू सूर्य मूर्ति का अभिषेक किया गया।

 

इस आयोजन का उद्देश्य धार्मिक स्थलों को जनमानस से जोड़ना, जल संरक्षण का संदेश देना, तथा भारत की सांस्कृतिक विविधता को एक सूत्र में पिरोना है।

आयोजक विनय राय  (अध्यक्ष पूर्वांचल महोत्सव समिति) जी को हार्दिक शुभकामनाएं, आपके सांस्कृतिक दृष्टिकोण ने इस आयोजन को एक नवीन ऊँचाई दी है।

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