बिहार के वो आईपीएस ऑफिसर कौन है, जो फरियादी के लिए ‘घुटने’ पर बैठे?

संपादक शक्ति कुमार ✍️
बिहार,: जाहांनाबाद कुर्सी पर बैठे साहब और जमीन पर बैठे फरियादी की तस्वीर तो आपने देखी होगी, साहब को खूब कोसा भी होगा और कोसना भी चाहिए, लेकिन आज आपको एक ऐसी तस्वीर दिखाते हैं, जो बता देगा सारे साहब एक जैसे नहीं होते. ये तस्वीर है बिहार के जहानाबाद जिले की, जहां कुर्सी पर बैठे हैं फरियादी यानि शिकायतकर्ता, जो अपनी समस्या लेकर एसपी ऑफिस गए थे, जबकि जमीन पर बैठे हैं जहानाबाद के एसपी विनीत कुमार. एक तरफ बिहार के एडीजी के बयान को लेकर हंगामा मचा है कि किसान खाली होते हैं तो अपराध बढ़ता है, बिहार में बीते 7 महीने में 1 हजार से ज्यादा आपराधिक घटनाएं हो चुकी हैं, बिहार पुलिस के इकबाल पर सवाल उठ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ आईपीएस विनीत कुमार की तस्वीर अब चर्चा में है.
ये फोटो है 19 जुलाई 2025 की, एसपी विनीत कुमार के जनता दरबार में कई फरियादी पहुंचे थे, लेकिन एक बुजुर्ग व्यक्ति जब अपना कागज दिखाने लगे तो विनीत कुमार ने न सिर्फ अपनी कुर्सी छोड़ी, बल्कि उनके पास जाकर घुटने पर बैठ गए, और काफी विनम्रता से उनकी शिकायत सुनी.
एसपी को ऐसे बैठा देख बुजुर्ग व्यक्ति ने भी उनके प्रति सम्मान दिखाया, और वो भी फर्श पर बैठ गए, लेकिन यहां सवाल बराबरी का नहीं, बल्कि सवाल एसपी साहब के संस्कार का है, जो कम देखने को मिलता है, क्योंकि कई थानों के तो दारोगा इतने अकड़ में होते हैं कि सीधे मुंह बात नहीं करते, एफआईआर लिखने की बजाय डांटकर भगा देते हैं,
कुर्सी छोड़ना तो बड़ी दूर की बात है, पर एसपी साहब ने न सिर्फ सम्मान दिखाया, बल्कि उनकी शिकायत दूर करने का भरोसा भी दिया.

तस्वीर जहानाबाद पुलिस ने जैसे ही शेयर की, हर कोई इनकी तारीफ करने लगा, और पता चला रोजाना करीब 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक ये साहब जनता दरबार लगाते हैं,
अपने चैंबर का गेट आम जनता के लिए खुला रखते हैं, और देर रात तक खुद जाकर गश्ती वाहनों को चेक करते हैं, देखते हैं कहां-कहां पुलिसकर्मी ड्यूटी पर मौजूद हैं,
कोई लापरवाही तो नहीं कर रहा.और वाकई बिहार को इस वक्त ऐसे ही ऑफिसर की जरूरत है, सिंघम ऑफिसर तो देश ने बहुत देखे हैं लेकिन संवेदनशील अधिकारियों की तस्वीरें कम सामने आती है. एसपी विनीत कुमार के बारे में तो विभाग में भी यही चर्चा है कि ये कब वेश बदलकर पहुंच जाएं किसी को पता नहीं होता।
कौन हैं एसपी विनीत कुमार?
मधुबनी जिले के रहने वाले विनीत कुमार दूसरे प्रयास में UPSC की परीक्षा पास कर IPS बने
दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और मास्टर्स की पढ़ाई की, किताबों को दोस्त बनाने कहते हैं
सोशल मीडिया के कम इस्तेमाल की सलाह देते हैं, हर किसी की शिकायत गौर से सुनते हैं
कहते हैं रोहतास के एसपी बने तो रात में सादी वर्दी में नगर थाना पहुंचे, आवेदन भी दिया
दारोगा ने जब आवेदन लेने से इनकार किया, FIR में आनाकानी की तो फिर एक्शन भी लिया
हालांकि एक थाने में तब इनकी फरियाद सुनी भी गई थी, जिसके बाद इन्होंने पुलिसकर्मियों को ये नसीहत दी थी कि रात में हमारी जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है इसलिए सावधान रहें, और मुस्तैदी से ड्यूटी करें.
जहानाबाद में जबसे ये एसपी बनकर गए हैं, वहां के लोगों के बीच यही संदेश गया है कि आप किसी भी वक्त एसपी साहब से मिलने जा सकते हैं, ये न सिर्फ शिकायत सुनते हैं बल्कि सही सलाह भी देते हैं, और अब जब ये तस्वीर सामने आई तो हर कोई यही कह रहा है कि हमारे जिले के एसपी भी ऐसे ही होने चाहिए,
अधिकारी बदमाशों के लिए सिंघम वाले रोल में हो, तो ठीक लगता है, पर आम जनता के लिए उसे सेवक वाले रोल में ही होना चाहिए, यही ट्रेनिंग में भी सीखाया जाता है, लेकिन वर्दी मिलने के बाद कुछ लोग खुद को सबसे बड़ा समझ लेते हैं, जिन्हें आईपीएस विनीत कुमार की इस तस्वीर से सीख लेनी चाहिए.
ऐसे अधिकारी को एक सैल्यूट तो बनता है.




