अब BJP के नहीं रहे यूट्यूबर मनीष कश्यप, कहा, “खुद को नहीं बचा सका, दूसरों की क्या मदद करूं?”

नई दिल्ली: 8 जून 2025 को लोकप्रिय यूट्यूबर मनीष कश्यप ने फेसबुक लाइव के दौरान एक भावुक बयान में भारतीय जनता पार्टी (BJP) से इस्तीफा देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि वे अब BJP के सक्रिय सदस्य नहीं हैं।

मनीष ने अपनी निराशा जाहिर करते हुए कहा, “मैं BJP में रहते हुए खुद को नहीं बचा सका. फिर दूसरों की मदद कैसे करूं?” इस बयान से साफ है कि वे पार्टी से निराश थे और उन्हें लगता था कि उनकी भूमिका प्रभावी नहीं रही. मनीष ने यह भी संकेत दिया कि वे अब अन्य मंचों के जरिए अपनी आवाज उठाएंगे और भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में हिस्सा ले सकते हैं।
मनीष कश्यप कौन हैं?
मनीष कश्यप, जिनका असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है, बिहार के एक चर्चित यूट्यूबर और सामाजिक कार्यकर्ता हैं. उन्होंने 2016 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी।
मनीष 2020 में बिहार के चंपारण विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. वे उस समय चर्चा में आए थे, जब उन्होंने एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें दावा किया गया था कि तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है.
यह वीडियो बाद में फर्जी साबित हुआ, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी. इस मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जांच के आदेश दिए थे, जबकि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने प्रवासी मजदूरों के उत्पीड़न के दावों को खारिज किया था.
तमिलनाडु वीडियो विवाद
मनीष कश्यप मार्च 2023 में उस समय सुर्खियों में आए, जब उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें कथित तौर पर बिहार के प्रवासी मजदूरों को तमिलनाडु में परेशान किए जाने की बात दिखाई गई थी. तमिलनाडु पुलिस के डिप्टी जनरल ऑफ पुलिस (DGP) शैलेंद्र बाबू ने इस वीडियो को फर्जी और भ्रामक बताया. उन्होंने कहा कि वीडियो में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया था, जिससे ऐसा लगे कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर हमले हो रहे हैं. इस विवाद के बाद मनीष को गिरफ्तार कर लिया गया था. बाद में, मद्रास हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी. इस घटना ने मनीष को राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में ला दिया, लेकिन उनकी छवि पर भी सवाल उठे।
पिछले साल मनीष कश्यप BJP में शामिल हुए थे. उनकी जॉइनिंग दिल्ली में BJP नेताओं मनोज तिवारी और अनिल बलूनी की मौजूदगी में हुई थी. उस समय मनीष ने कहा था कि वे BJP के साथ मिलकर बिहार के लोगों की आवाज उठाएंगे और सामाजिक मुद्दों पर काम करेंगे. उनकी लोकप्रियता और यूट्यूब पर लाखों फॉलोअर्स के कारण BJP को उनसे काफी उम्मीदें थीं. मनीष ने अपने वीडियोज के जरिए बिहार में कई सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को उठाया था, जिससे उन्हें युवाओं और आम लोगों के बीच समर्थन मिला था।
पिछले महीने मनीष कश्यप फिर से विवादों में आए, जब पटना मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल (PMCH) में कुछ जूनियर डॉक्टरों के साथ उनकी कहासुनी हो गई. इस दौरान कथित तौर पर डॉक्टरों ने उनकी पिटाई कर दी थी. इस घटना ने मनीष को और निराश किया, और उन्होंने BJP के भीतर अपनी स्थिति पर सवाल उठाए. फेसबुक लाइव में उन्होंने इस घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वे पार्टी में रहकर अपनी और दूसरों की मदद नहीं कर पाए. इस घटना ने उनके BJP छोड़ने के फैसले को और पक्का कर दिया।
मनीष ने संकेत दिया है कि वे अब अपनी आवाज को अन्य मंचों के जरिए उठाएंगे. उन्होंने यह भी इशारा किया कि वे आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में हिस्सा ले सकते हैं. हालांकि, उन्होंने इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी कि वे स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेंगे या किसी अन्य पार्टी से जुड़ेंगे. मनीष की सोशल मीडिया पर मजबूत मौजूदगी और युवाओं के बीच लोकप्रियता उन्हें एक प्रभावशाली शख्सियत बनाती है. उनके इस फैसले ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है, और लोग उनके अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं।
बताते चलें कि मनीष कश्यप का BJP छोड़ना बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना है. उनकी लोकप्रियता और सोशल मीडिया की ताकत ने उन्हें एक जाना-पहचाना नाम बनाया है. उनके इस फैसले ने BJP के लिए एक झटका माना जा रहा है, क्योंकि मनीष युवा वोटरों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं. साथ ही, यह घटना यह भी दर्शाती है कि सोशल मीडिया प्रभावशाली लोगों की राजनीति में भूमिका बढ़ रही है. मनीष का यह कदम बिहार के युवाओं को प्रेरित कर सकता है, जो सामाजिक और राजनीतिक बदलाव की उम्मीद करते हैं।
संपादक शक्ति कुमार ✍️
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