दो वर्षों की शानदार यात्रा: बेतिया के डीएम दिनेश कुमार राय ने प्रशासन को बनाया जनसेवा का मंदिर

प्रशासन नहीं, सेवा का मंदिर बना डीएम कार्यालय बेतीया
बेतिया। जब प्रशासनिक पद पर संवेदनशीलता, पारदर्शिता और नवाचार एक साथ कदमताल करें, तो परिवर्तन केवल सम्भावना नहीं, वास्तविकता बन जाता है। पश्चिम चंपारण के जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय ने अपने दो वर्ष के कार्यकाल में यह सिद्ध कर दिया कि एक अधिकारी चाहे तो जिले की तस्वीर और तक़दीर दोनों बदल सकता है।
पश्चिमी चंपारण के डीएम दिनेश कुमार राय का फोटो
9 अप्रैल 2023 को जिलाधिकारी का कार्यभार ग्रहण करने वाले दिनेश कुमार राय ने “जन सेवा को सर्वोच्च धर्म” मानकर काम किया। आज दो साल बाद, उनका कार्यालय आम नागरिकों की आशा का केंद्र बन चुका है। चाहे वह जनता दरबार हो या फील्ड विज़िट—हर पहल ने प्रशासन और जनता के बीच की दूरी किया कम।
हर शूक्रबार जनता दरबार: समस्या नहीं, समाधान की पहचान
हर शुक्रवार को आयोजित होने वाला जनता दरबार अब केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि जन-संवाद और त्वरित समाधान का प्रतीक बन चुका है। सैकड़ों लोग अपनी समस्याएं लेकर आते हैं, और उन्हें वहीं जवाब तथा कार्रवाई मिलती है।
गंडक पार के चारों प्रखंडों को मिली पहचान
मधुबनी, पिपरासी, भीतहां और ठकरहा जैसे गंडक पार के सुदूर प्रखंडों में पहुंचकर जिलाधिकारी ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रोजगार की सुविधाएं सुनिश्चित कीं। सबसे अहम— प्रखंड में महाविद्यालय की स्थापना की दिशा में पहल की गई, जिससे इन पिछड़े क्षेत्रों को नई पहचान मिली।
पहली बार इंडो-नेपाल सीमा बैठक का आयोजन
बेतिया के प्रशासनिक इतिहास में पहली बार भारत-नेपाल सीमा समन्वय समिति की त्रैमासिक बैठक आयोजित की गई, जो न केवल सीमाई अपराधों की रोकथाम की दिशा में मील का पत्थर साबित हुई, बल्कि दोनों देशों के बीच संवाद और सौहार्द को भी मज़बूत किया।
भ्रष्टाचार पर ज़ीरो टॉलरेंस, पारदर्शी रजिस्ट्रेशन व्यवस्था
भूमि विवादों के समाधान में त्वरित कार्रवाई, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार के विरुद्ध कठोर कदमों ने बेतिया में सुशासन की नई मिसाल पेश की। प्रॉपर्टी बायर-सैलर सुविधा से आम लोगों को बड़ी राहत मिली।
पर्यावरण संरक्षण की नई इबारत
डीएम कार्यालय परिसर, जिला स्कूलों, सामुदायिक भवनों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक हज़ारों पौधों का रोपण कराया गया। यह केवल हरियाली नहीं, आने वाली पीढ़ियों के लिए एक पर्यावरणीय विरासत है।
महिला सशक्तिकरण और आय आधारित भूमि आवंट
जिलाधिकारी के आदेश से महिला समूहों को भूमि आवंटित कर सामूहिक शौचालय और आय आधारित कार्यों की शुरुआत कराई गई। इससे ग्रामीण महिलाओं को स्वच्छता, सम्मान और आत्मनिर्भरता की राह मिली।
वाल्मीकिनगर का कायाकल्प: चंबल से पर्यटन केंद्र तक
एक समय में उग्रवाद और अपराध के लिए कुख्यात वाल्मीकिनगर को डीएम राय ने पर्यावरणीय, धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का केंद्र बना दिया। वाल्मीकिनगर महोत्सव, जिसमें मुख्यमंत्री ने भाग लिया, जिले को अंतरराष्ट्रीय पटल पर ले गया।
तकनीकी नवाचार: ई-ऑफिस, ऑनलाइन ट्रैकिंग और पारदर्शिता
ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देकर प्रशासनिक कामकाज को डिजिटल, पारदर्शी और उत्तरदायी बनाया गया। शिकायत निवारण प्रणाली में पारदर्शी ट्रैकिंग से आम लोगों को भरोसा और सहूलियत मिली।
मानवता का चेहरा: विभव राय मामले में त्वरित न्याय
भीतहा के विभव राय की दुखद मृत्यु पर डीएम ने न केवल तत्परता से न्याय सुनिश्चित किया, बल्कि संवेदनशीलता की मिसाल पेश की। उनके प्रयासों से परिजनों को सम्मानजनक मुआवजा और उच्च स्तरीय जांच दिलाई गई।
टीम भावना और अनुशासन का अनूठा समन्व
डीएम ने ज़िले में पदस्थ सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को समर्पण और अनुशासन का पाठ पढ़ाया। समय पालन, कार्यालय संस्कृति और उत्तरदायित्व को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई।
युवाओं, किसानों और दिव्यांगों के लिए योजनाएं
रोजगार मेला, कौशल विकास प्रशिक्षण, दिव्यांग पहचान अभियान और किसानों के लिए कृषि सहायता जैसे कदमों ने डीएम के समावेशी दृष्टिकोण को उजागर किया।
अगर जिलाधिकारी ऐसा हो, तो। प्रशासन जनसेवा का प्रतीक बन जाता है
आज पश्चिम चंपारण का हर नागरिक कहता है“हमें ऐसा डीएम मिला, जो हमारे दुख-सुख में बराबर का भागीदार है।” दिनेश कुमार राय केवल एक प्रशासक नहीं, बल्कि एक सच्चे जनसेवक, मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत हैं।
उनके दो वर्षों का यह सफर केवल आंकड़ों और योजनाओं का नहीं, बल्कि दिलों में घर कर जाने वाली जनसेवा का है।