गोपाल खेमका कांड के बाद गुस्से में नीतीश, दिया आदेश, ‘बुलडोजर भी चलेगा, एन काउंटर भी होगा’!

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संपादक शक्ति कुमार
कौन थे गोपाल खेमका, 6 सेकेंड में जिनकी बदमाशों ने जा न ले ली, अब CCTV फुटेज आया सामने
गुस्से में सीएम नीतीश, बिहार में लागू होगा योगी मॉडल, ‘बुलडोजर भी चलेगा,एन काउंटर भी होगा’
पप्पू यादव हुए भावुक, विजय सिन्हा ने दिलाया दिलासा, बिहार में कौन दे रहा अपराधियों को हौसला
Gopal Khemka murder: बिहार के टॉप 10 कारोबारियों में से एक उद्योगपति गोपाल खेमका अब नहीं रहे, दवा कारोबार से जुड़े गोपाल खेमका चार भाईयों में दूसरे नंबर पर थे, बिटिया लंदन में जहां अपने परिवार के साथ रहती है, तो वहीं बड़े बेटे गुंजन खेमका के साथ 7 साल पहले हाजीपुर में ऐसी ही घटना हुई थी, वो भी अब इस दुनिया में नहीं है, जबकि छोटा बेटा गौरव खेमका जो IGIMS में डॉक्टर है, अब पूरा कारोबार देख रहे हैं.
लेकिन सवाल है इतने बड़े उद्योगपति के साथ ऐसी घटना बिहार की राजधानी में कैसे हुई, वो लोग कौन हैं जो अपराधियों को हौसला दे रहे हैं. और गांधी मैदान से सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर जब ये घटना हुई तो पुलिस कहां सो रही थी.
पूरी घटना 4 जुलाई की रात करीब साढ़े 11 बजे की है, जब गोपाल खेमका खुद गाड़ी ड्राइव करते हुए क्लब से घर लौट रहे थे, पहले से ही घात लगाए बदमाश उन्हें उनके अपार्टमेंट के बाहर निशाना बनाते हैं. और फरार भी हो जाते हैं. परिजन आनन-फानन में अस्पताल लेकर पहुंचते हैं,
जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो जाती है. अगले ही दिन ये ख़बर सामने आती है कि पूरी प्लानिंग पटना के ही बेऊर जेल में रची गई, जहां 14 थानों की पुलिस फोर्स एक साथ छापा मारने पहुंचती हैं, और 3 मोबाइल बरामद करती है, आरजेडी से लेकर कांग्रेस तक इसे लेकर नीतीश सरकार से सवाल पूछती है तो उधर नीतीश कुमार तुरंत डीजीपी को तलब करते हैं, और उसके बाद जो आदेश देते हैं, उसने साफ कर दिया जिन लोगों ने भी इस घटना को अंजाम दिया है, उनका इलाज बिहार पुलिस बहुत जल्द करने वाली है.
(नीतीश कुमार ने आदेश दिया है )की मामलों में जो भी अफसर लापरवाही कर रहे हैं, उन पर भी कड़ी कार्रवाई होगी. इस मामले में जल्द से जल्द एक्शन लीजिए। किसी की साजिश भी है तो जो भी लोग हैं उन्हें सामने लेकर आइए. अपराध करने वाला कोई भी हो, किसी कीमत पर मत छोड़िए.”
एक थ्योरी ये भी गढ़ी जा रही है कि 7 साल पहले जिन अपराधियों ने गोपाल खेमका के बेटे के साथ घटना को अंजाम दिया था, वही लोग इस केस में भी शामिल हैं, सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को ये भी सुराग मिला है कि आरोपी फोन के जरिए कंट्रोल हो रहा था, मतलब उसे आदेश कहीं और से मिल रहा था. अब पुलिस ये पता लगाने में जुटी है कि उसका आका कौन है. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने ये भी कहा है कि जिस पदाधिकारी की लापरवाही से ऐसा हुआ है, उस पर भी एक्शन होगा, जबकि डिप्टी सीएम विजय चौधरी कहते हैं
“हम पार्टी और जाति देखकर कार्रवाई नहीं करते हैं. जितनी बड़ी कार्रवाई होगी . एनकाउंटर और बुलडोजर की जरूरत पड़ी तो वो भी करेंगे.”
यानि हो हो सकता है योगी मॉडल भी बिहार में लागू हो जाए, लेकिन चुनावी साल में इस तरीके की घटना को कौन अंजाम दिलवा रहा है, क्या इसके पीछे भी कोई राजनीति है, कोई बड़ी कहानी है. ये भी चौंकाने वाली बात है कि तीन महीने पहले ही गोपाल खेमका की सुरक्षा हटाई गई थी, पप्पू यादव इस घटना के विरोध में मार्च भी निकालते हैं और कहते हैं इस बच्चे को क्या दिलासा दूं, इस घटना की सीबीआई जांच होनी चाहिए।