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DGP: बिहार के सभी जिलों में गठित होगा फास्ट ट्रैक कोर्ट, DGP बोले- नहीं बचेगा कोई अपराधी या भ्रष्ट पुलिस अधिकारी।

बिहार के पुलिस महानिदेशक (DGP) विनय कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी पुलिस अधिकारी या कर्मी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

यदि किसी व्यक्ति से कोई भी पुलिस अधिकारी या कर्मी रिश्वत की मांग करता है, तो इसकी शिकायत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, विशेष निगरानी इकाई, आर्थिक अपराध इकाई या फिर सीधे राज्य पुलिस मुख्यालय में दर्ज कराई जा सकती है. 

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100 फास्ट ट्रैक कोर्ट का होगा गठन DGP विनय कुमार ने कहा कि अपराधियों को उनके किए की सजा दिलाने के लिए राज्य पुलिस मुख्यालय की तरफ से जिलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है.

राज्य के सभी जिलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन कर न केवल अपराधियों को उनके किए की त्वरित सजा दिलाने की व्यवस्था की जा रही है बल्कि इससे निर्दोष लोगों के साथ-साथ पीड़ितों को भी तत्काल न्याय मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में कुल सौ फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया जाएगा।

काली कमाई को जब्त करना हुआ आसान DGP विनय कुमार सोमवार को सरदार पटेल भवन स्थित राज्य पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष जुलाई माह में देश भर में बीएनएसएस लागू होने से पहले ऐसे अपराधियों की काली कमाई को जब्त करने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता था. लेकिन कानून में जोड़े गए नए प्रावधानों से अब यह काम आसान हो गया है.पहले इसके लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के स्तर पर कार्रवाई करनी पड़ती थी.

ईडी की व्यस्तताओं के कारण अपराधियों की संपत्ति जब्त करने माना काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था. अब डीएसपी स्तर के पुलिस अधिकारियों को यह शक्ति प्राप्त हो गई है, जिससे वे खुद अपराधियों की काली कमाई को जब्त करने का प्रस्ताव न्यायालयों को दे सकते हैं.

उन्होंने कहा कि राज्य में कुल 1249 थाने हैं. इन थानों में ऐसे पेशेवर अपराधियों की संपत्ति जब्त करने के लिए कुल 1172 अपराधियों को चिन्हित किया गया है. चिन्हित अपराधियों में से 239 अपराधियों के विरुद्ध अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं और उनकी संपत्ति जब्ती की कार्रवाई शुरू कर दी गई है

 इनमें 188 अपराधियों के विरुद्ध न्यायालयों में प्रस्ताव समर्पित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि नए कानून में अपराधियों की संपत्ति से पीड़ित परिवारों को भी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का प्रावधान है.

भ्रष्ट पुलिस कर्मियों की बेधड़क करें शिकायत डीजीपी ने कहा कि भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को किसी भी कीमत पर बक्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि निगरानी ब्यूरो द्वारा इस वर्ष जनवरी से 12 जून के बीच कुल एक दर्जन पुलिस पदाधिकारियों पुलिस पदाधिकारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया जा चुका है.

राज्य के विभिन्न जिलों माना इस वर्ष जनवरी से मई माह के बीच कुल 22 पुलिस कर्मियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है. इनमें कुल 15 पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार कर कोर्ट को अग्रसारित कर दिया गया है. साथ ही कुल 66 पुलिस कर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। 

संपादक शक्ति कुमार ✍️ 

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