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सांसद रामजी लाल सुमन पर हमले से सपा में आक्रोश.     

अपराधियों के खिलाफ कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन 

जिलाध्यक्ष रामअवध यादव की अगुवाई में सपाइयों ने कलक्ट्रेट पर घंटों दिया धरना. 

कुशीनगर। समाजवादी पार्टी जिला इकाई ने जिलाध्यक्ष रामअवध यादव की अगुवाई में कलक्ट्रेट पर घंटों धरना-प्रदर्शन किया। सपा के सांसद रामजी लाल सुमन के काफिले पर हाल ही में हुए हमले के विरोध में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

यूपी सरकार में कानून व्यवस्था लचर व दलितों पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम महेंद्र सिंह तंवर को सौंपा।

साथ ही अपराधियों के त्वरित गिरफ्तारी की मांग की

समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष रामअवध यादव के नेतृत्व में कलक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन में पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री जावेद इकबाल,कुशीनगर के पुर्व प्रत्याशी राजेश प्रताप राव उर्फ बंटी भैया, हाटा के पूर्व प्रत्याशी रणविजय सिंह मोहन, पूर्व विधायक डा० पी के राय, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष इलियास अंसारी, पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज यादव, विशुनपुरा के पूर्व ब्लाक प्रमुख विक्रमा यादव, पुरेन्द्र प्रताप यादव, संजय गुप्ता आदि ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आए दिन जनता के उत्पीड़न, हत्या, लूट, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और अराजकता की घटनाएं आम हो गई हैं।

कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। अपराधियों के हौसले बढ़ गए हैं। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार कानून का शासन स्थापित करने में पूरी तरह विफल हो गई है। उन्होंने कहा कि बीते कई सप्ताह से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन को करणी सेना द्वारा निरंतर जान से मारने की धमकी दी जा रही है।

उनके आवास पर हमला भी किया गया। पांच दिन पूर्व बीते 27 अप्रैल को बुलंदशहर जाते समय अलीगढ़ में उनके काफिले पर करणी सेना ने हमला किया, जिससे कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हुए और लोगों को गंभीर चोटें भी आईं। इस घटना के बाद भी अराजक तत्त्वों पर शासन व प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की।

इससे यह स्पष्ट है कि उन्हें सरकार का खुला संरक्षण प्राप्त है। इससे उत्तर प्रदेश सरकार की दलित विरोधी मानसिकता उजागर होती है।

उन्होंने यूपी सरकार पर दलितों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पीडीए का नारा देकर समाज के सभी शोषित व उत्पीड़ित वर्गों के सम्मान एवं संविधान प्रदत्त अधिकार की लड़ाई मजबूती से लड़ रहे हैं। इसको उत्तर प्रदेश में प्रभुत्ववादी एवं वर्चस्ववादी समूह बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं और संविधान विरोधी मानसिकता का खुलेआम प्रदर्शन कर रहे हैं।

इन लोगों की लोकतंत्र और बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा निर्मित भारतीय संविधान में कोई आस्था नहीं है। इसीलिए इन समूहों द्वारा पीडीए समाज में उत्पीड़न की घटनाओं में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है।

अंत में डीएम को सौंपे ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से मांग की गई कि समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में बेहाल कानून व्यवस्था, रामजी लाल सुमन के साथ अलोकतांत्रिक व्यवहार सहित प्रदेश में लगातार हो रहे संविधान विरोधी कृत्यों को आपके संज्ञान में ला रही है, जिससे आपके द्वारा संविधान एवं लोकतंत्र की मजबूती की दिशा में ठोस निर्णय हो। इस दौरान उदय नारायण गुप्ता, कैसर जमाल टीटू, बजरंगी यादव, ऊषा अग्रहरि, बालकृष्ण मिश्र, वीरेंद्र सिंह सैंथवार, उषा अग्रहरि, इण्दू गोड़, रेखा पटेल, कैलाश यादव, विजय प्रकाश यादव, विजेंद्र पाल यादव, सुनील यादव, ओमप्रकाश यादव, मो. आजम, बजरंगी यादव, रामलखन यादव, रामप्रताप कुशवाहा, कैलाश यादव, निठुरी राजभर, पुरंदर प्रताप यादव, इन्दू गोंड़, रेखा पटेल, उपेंद्र यादव, बाबू खां, संतोष यदुवंशी, निजामुद्दीन अंसारी, सोनू यादव, हरीलाल यादव, फिरोज अहमद, सद्दाम हुसैन, सोनू पहलवान, भोला यादव, कैलाश कन्नौजिया, राजेन्द्र पाल, राजेन्द्र यादव मुन्ना, मधुर श्याम राय, गेंदा सिंह सैंथवार, बागेश्वर यादव, दिवाकर यादव, अमीरुल्लाह अंसारी, जाकिर हुसैन, छोटेलाल यादव, इजहार अंसारी आदि मौजूद रहे।

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