बिहार में गंगा नदी पर बनेंगे 9 नए मेगा ब्रिज, पटना में 6 प्रोजेक्ट, कनेक्टिविटी और विकास को मिलेगा बढ़ावा।

पटना: बिहार में गंगा नदी पर नौ नए मेगा ब्रिज बनाने की योजना है, जो राज्य की कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
इनमें से कई प्रोजेक्ट जल्द पूरे होने वाले हैं, और खास तौर पर पटना जिले में छह नए ब्रिज बनाए जा रहे हैं. वर्तमान में बिहार में गंगा पर सात ब्रिज हैं, लेकिन इन नौ नए ब्रिज के बनने के बाद कुल संख्या 19 हो जाएगी. ये ब्रिज उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच आवागमन को आसान बनाएंगे, ट्रैफिक जाम कम करेंगे और आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगे।
पटना में छह नए ब्रिज
पटना में बन रहे छह ब्रिज बिहार की राजधानी को और बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे. औंटा-सिमरिया में राजेंद्र सेतु के समानांतर बन रहा छह लेन का ब्रिज अब शुरू होने के लिए तैयार है.
यह ब्रिज मोकामा के पास गंगा नदी पर बनाया गया है. इसके अलावा, दीघवारा (सारण) और शेरपुर (पटना) के बीच एक छह लेन का ब्रिज बन रहा है, जो पटना रिंग रोड का हिस्सा होगा. जेपी सेतु के समानांतर एक नए छह लेन के ब्रिज को भी मंजूरी मिल चुकी है.
महात्मा गांधी सेतु के समानांतर बन रहा चार लेन का ब्रिज तेजी से बन रहा है. कच्ची दरगाह-बिदुपुर के बीच राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित छह लेन का ब्रिज इस साल पूरा होने की उम्मीद है. साथ ही, बख्तियारपुर-ताजपुर के बीच चार लेन के ब्रिज का निर्माण कार्य फिर से शुरू हो गया है।
भागलपुर और अन्य क्षेत्रों में ब्रिज
पटना के अलावा, भागलपुर में भी नए ब्रिज बनाए जा रहे हैं. विक्रमशिला सेतु के समानांतर एक चार लेन का ब्रिज बनाया जाएगा, जो भागलपुर, पूर्णिया और कटिहार को बेहतर कनेक्टिविटी देगा. अगवानी घाट-सुल्तानगंज के बीच एक चार लेन का ब्रिज बन रहा है, हालांकि इस प्रोजेक्ट में 2022 और 2023 में ढांचा गिरने की घटनाएं हुईं।
जिसके बाद जांच शुरू की गई. साहेबगंज-मणिहारी के बीच भी एक चार लेन का ब्रिज बनाया जा रहा है, जो बिहार और झारखंड के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाएगा. इसके अलावा, प्रस्तावित ब्रिज में कहलगांव (भागलपुर) में एक चार लेन का ब्रिज और मटिहानी-साम्हो (बेगूसराय) के बीच रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे के लिए छह लेन का ब्रिज शामिल है.
कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास
इन ब्रिजों के बनने से बिहार के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा. उदाहरण के लिए, बख्तियारपुर-ताजपुर ब्रिज मिथिलांचल और कोसी क्षेत्र के बीच की दूरी को 50 किमी तक कम करेगा. ये ब्रिज महात्मा गांधी सेतु और जेपी सेतु जैसे मौजूदा ब्रिजों पर ट्रैफिक का बोझ कम करेंगे. कच्ची दरगाह-बिदुपुर ब्रिज, जो 9.76 किमी लंबा है, पूरा होने पर भारत का सबसे लंबा गंगा ब्रिज होगा. ये प्रोजेक्ट राष्ट्रीय राजमार्गों जैसे NH-31, NH-33, और NH-322 को जोड़ेंगे, जिससे व्यापार और आवागमन आसान होगा।
चुनौतियों पर नजर, जांच जारी
कुछ प्रोजेक्ट्स में चुनौतियां भी आई हैं. अगवानी घाट-सुल्तानगंज ब्रिज का ढांचा 29 अप्रैल 2022 और 4 जून 2023 को गिर गया था,
जिसके बाद बिहार सरकार ने जांच के आदेश दिए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि निर्माण में गड़बड़ी की वजह से ये हादसे हुए, और जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी. बख्तियारपुर-ताजपुर ब्रिज के निर्माण में भी अनुबंध संबंधी विवादों ने देरी की. इसके बावजूद, सरकार इन प्रोजेक्ट्स को तेजी से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. ये ब्रिज बिहार के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं.
बिहार में पहले से मौजूद महात्मा गांधी सेतु (5.75 किमी), विक्रमशिला सेतु (4.4 किमी), और जेपी सेतु (4.56 किमी) जैसे ब्रिजों ने कनेक्टिविटी में क्रांति लाई थी. नए ब्रिज महाकुंभ 2025 और रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स के साथ मिलकर बिहार को आर्थिक हब बनाने में मदद करेंगे. भारत-पाक तनाव और 7 मई को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल्स के बीच ये प्रोजेक्ट्स बिहार के विकास की नई तस्वीर पेश करते हैं.