मदर डेयरी के बाद अमूल डेयरी ने भी बढ़ाए दूध के रेट, 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी.

नई दिल्ली: देश के प्रमुख डेयरी ब्रांडों में शुमार अमूल ने मदर डेयरी के दूध की कीमतों में वृद्धि के एक दिन बाद अपने दूध के दाम में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की घोषणा की है.

यह नई दरें 3 जून 2024 से दिल्ली-एनसीआर सहित देश के सभी प्रमुख बाजारों में लागू हो चुकी हैं. गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF), जो अमूल ब्रांड के तहत दूध और डेयरी उत्पादों का विपणन करता है, ने इस मूल्य वृद्धि का कारण पिछले 15 महीनों में उत्पादन लागत में हुई बढ़ोतरी को बताया है.
इस कदम से उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ने की संभावना है, विशेष रूप से तब जब खाद्य मुद्रास्फीति पहले से ही आम जनता के लिए चुनौती बनी हुई है.
अमूल ने अपने बयान में कहा कि दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) में 3-4% की वृद्धि के बराबर है, जो औसत खाद्य मुद्रास्फीति से काफी कम है.
नई कीमतों के अनुसार, 500 मिलीलीटर अमूल बफैलो मिल्क की कीमत अब 36 रुपये, 500 मिलीलीटर अमूल गोल्ड 33 रुपये और 500 मिलीलीटर अमूल शक्ति 30 रुपये हो गई है.
इसके अलावा, एक लीटर अमूल ताजा दूध की कीमत 56 रुपये और अमूल गोल्ड 68 रुपये हो गई है. GCMMF ने यह भी स्पष्ट किया कि फरवरी 2023 के बाद से प्रमुख बाजारों में ताजा पाउच दूध की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं की गई थी. इस मूल्य संशोधन का उद्देश्य दूध उत्पादकों को उचित मूल्य सुनिश्चित करना और अधिक दूध उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करना है.
मदर डेयरी ने भी 3 जून 2024 से अपने सभी दूध वेरिएंट की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की थी. दिल्ली-एनसीआर में अब मदर डेयरी का फुल क्रीम दूध 68 रुपये प्रति लीटर, टोन्ड दूध 56 रुपये प्रति लीटर और डबल टोन्ड दूध 50 रुपये प्रति लीटर में उपलब्ध है. इसके अलावा, भैंस का दूध 72 रुपये और गाय का दूध 58 रुपये प्रति लीटर हो गया है.
कंपनी ने कहा कि यह वृद्धि दूध उत्पादकों को बढ़ती उत्पादन लागत की भरपाई के लिए की गई है, जो पिछले एक साल से लगातार बढ़ रही है.
मदर डेयरी ने यह भी उल्लेख किया कि वह अपनी बिक्री आय का लगभग 75-80% दूध की खरीद पर खर्च करती है, ताकि डेयरी फार्मिंग को टिकाऊ बनाया जा सके और गुणवत्तापूर्ण दूध की उपलब्धता सुनिश्चित हो.
दोनों डेयरी दिग्गजों द्वारा की गई इस मूल्य वृद्धि का समय भी ध्यान देने योग्य है. यह कदम 2024 के लोकसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया पूरी होने के ठीक बाद उठाया गया था,
जिसके कारण कई लोग इसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील समय पर लिया गया निर्णय मान रहे हैं.
सोशल मीडिया, विशेष रूप से एक्स पर, उपभोक्ताओं ने इस मूल्य वृद्धि पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं दी हैं. कुछ लोगों ने इसे बढ़ती महंगाई का एक और उदाहरण बताया, जबकि अन्य ने दूध उत्पादकों की बढ़ती लागत को देखते हुए इस कदम को उचित ठहराया.
एक उपयोगकर्ता ने लिखा, “अमूल और मदर डेयरी ने दूध के दाम बढ़ाकर आम जनता की जेब पर बोझ डाला है. महंगाई पहले से ही आसमान छू रही है.” वहीं, एक अन्य ने कहा, “किसानों की लागत बढ़ रही है, ऐसे में कीमतों में मामूली वृद्धि समझ में आती है.”
अमूल और मदर डेयरी दोनों ने इस बात पर जोर दिया कि वे उपभोक्ताओं से प्राप्त हर रुपये का लगभग 80 पैसे दूध उत्पादकों को देते हैं.
अमूल ने कहा कि यह नीति दूध उत्पादकों को उचित आय सुनिश्चित करती है और उन्हें उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है. हालांकि, उपभोक्ताओं के लिए यह वृद्धि दैनिक बजट पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती है, क्योंकि दूध भारतीय परिवारों की रसोई का एक आवश्यक हिस्सा है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह वृद्धि डेयरी उद्योग में बढ़ती लागतों को दर्शाती है,
जिसमें चारे की कीमतों में 20% तक की वृद्धि और परिवहन, श्रम और ऊर्जा लागत में वृद्धि शामिल है.
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