इस जिले के CO और राजस्व कर्मचारी पर गिरेगी गाज! गैर मजरूआ जमीन की जमाबंदी का आरोप, जाने क्या है मामला।

बिहार में भूमि सर्वे का काम जारी है. इसी क्रम में जमाबंदी को लेकर एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. अब इस मामले में सीओ और राजस्व अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. दरअसल, आरा सदर अंचल में सरकारी जमीन की फर्जी जमाबंदी का मामला सामने आया था, जिसके बाद डीएम पूरी तरह से एक्शन में आ गए हैं।
मामले को संज्ञान में लेते हुए उन्होंने एडीएम डॉ. शशि शेखर को तुरंत इसकी जांच करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही जांच को तेजी से पूरा करने की भी बात कही गई है।
आरा डीएम के इस आदेश के बाद सरकारी जमीन का फर्जीवाड़ा करने के मामले में शामिल पदाधिकारी, कर्मचारियों और अवैध लाभ लेने वालों में हड़कंप मच गया है. गैर मजरूआ जमीन की कर दी जमाबंदी फर्जी तरीके से जमाबंदी का यह मामला साल 2021 का बताया जा रहा है।
पूरा मामला आरा शहर के मोती सिनेमा हाल के सामने राजेंद्र नगर मोहल्ला में स्थित जमीन से जुड़ा हुआ है. जानकारी के अनुसार, इस जमीन का खाता 1083 खेसरा 2380 और 2379 और थाना नम्बर 237 है. यह जमीन गैर मजरूआ है. इस जमीन को किसी भी कीमत पर किसी निजी व्यक्ति के नाम पर जमाबंदी कायम नहीं की जा सकती है।
इसके बावजूद तब के सीओ राजकुमार ने 2021 में पांच लोगों के नाम पर फर्जी तरीके से जमाबंदी कायम कर दी. इन लोगों के नाम जमाबंदी जानकारी के अनुसार, जिन लोगों के नाम पर गैर मजरूआ जमीन की जमाबंदी कायम की गई, उनमें रंजीत बहादुर माथुर, इंद्रजीत बहादुर माथुर, किशोर चंद्र माथुर, गिरजा बहादुर माथुर और गिरिराज बहादुर माथुर शामिल हैं. सभी बाबू बाजार के रहने वाले हैं।
साल 2022 से इन जमीनों की खरीद बिक्री भी शुरू हो गई थी. इसके अलावा सीओ ने अपने मन से जमीन का रकबा भी बढ़ा दिया. अब जांच के बाद ही पूरी तरह मामले का खुलासा होगा और दोषी पर बड़ी कार्रवाई होगी.दिए गए हैं जांच के निर्देश भोजपुर डीएम तनय सुल्तानिया ने इसको लेकर बताया, “आरा सदर अंचल क्षेत्र में अवैध ढंग से सरकारी जमीन की जमाबंदी करने वालों के खिलाफ जांच का निर्देश दिया गया है. इस तरह का अवैध कार्य करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी. एडीएम से रिपोर्ट मांगी गई है।