
बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार ने सभी पुलिस अधीक्षकों को एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों में दोषियों को सजा दिलाने की गति में तेजी लाने का निर्देश दिया है.
उन्होंने कहा कि इस एक्ट में दर्ज मामलों की जांच में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। खास कर मामलों को लटकाने की प्रवृति रखने वाले जांच अधिकारी तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाएंगे।डीजीपी ने मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में एससी-एसटी एक्ट से जुड़े प्रावधानों के एक दिवसीय प्रशिक्षण समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार में अनुसूचित जाति और जनजाति थानों की संख्या अधिक होने के कारण यहां दर्ज होने वाले मामलों की संख्या भी देश के अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है। बिहार देश का पहला राज्य है, जहां सभी 40 पुलिस जिलों में एससी-एसटी थाने कार्यरत हैं।उन्होंने अधिनियम के तहत दर्ज मुकदमों की जांच से जुड़े अधिकारियों को फर्जी मामलों की जांच कर उनका तत्काल निपटारा करने का भी निर्देश दिया, ताकि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को फंसाने की साजिशों का पर्दाफाश किया जा सके। इस मौके पर सीआईडी (कमजोर वर्ग) के एडीजी अमित कुमार जैन, एडीजी पारसनाथ, एससी-एसटी कल्याण विभाग के सचिव दिवेश सेहरा, विभाग के निदेशक श्याम बिहारी मीणा, एसपी कमजोर वर्ग आमिर जावेद आदि मौजूद रहे।